22 एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान भरेगा गो फर्स्ट, डीजीसीए से मांगी परमीशन

22 एयरक्राफ्ट के साथ उड़ान भरेगा गो फर्स्ट, डीजीसीए से मांगी परमीशन

Go First Restart Operations

Go First Restart Operations

Go First Restart Operations: वाडिया ग्रुप की एयरलाइन गो फर्स्ट ने उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए DGCA से अनुमति मांगी. 22 प्लेन के साथ अगले पांच महीनों तक चलाने के लिए कहा है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने गो फर्स्ट मैनेजमेंट की बैठक के बाद पिछले सप्ताह फिर से शुरू करने की योजना मांगी थी. 

गो फर्स्ट को एक सप्ताह के भीतर योजना के लिए नागरिक उड्डयन नियामक की मंजूरी मिलने की उम्मीद है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एयरलाइन ने नवंबर तक अपनी कॉमर्शियल योजना शुरू करने के लिए वह सैन्य चार्टर उड़ानों के साथ फिर से शुरू करने का इरादा रखता है, उसके बाद बाकी उड़ाने शुरू करेगा. बता दें कि एयरलाइन ने 3 मई को उड़ानें निलंबित कर दी थीं. 

सीईओ को मिली संचालन की जिम्मेदारी (CEO got the responsibility of operation)

कंसल्टिंग फर्म अल्वारेज एंड मार्सल के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अभिलाष लाल ने वर्तमान सीईओ कौशिक खोना को दैनिक संचालन चलाने और अकाउंटेबल मैनेजर के रूप में कार्य करने के लिए नामित किया है. एयलाइन ने पिछले महीने के दौरान दिवाला के लिए एक याचिका दायर की थी. 

200 करोड़ रुपये जुटाने के चर्चा (Discussions to raise Rs 200 crore)

गो फर्स्ट ने कहा कि नियामक को बताया कि उसे उड़ान फिर से शुरू करने के लिए 200 करोड़ रुपये की आवश्यकता है और सरकार की इंमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के साथ-साथ अनड्रान क्रेडिट के तहत 400 करोड़ रुपये के फंड तक उसकी पहुंच है. ऐसे में एयलाइन 200 करोड़ रुपये जुटाने के लिए अं​तरिम ​फंड की व्यवस्था करने के लिए कर्जदाताओं के साथ भी चर्चा कर रही है. इसका इस्तेमाल अप्रैल और मई की सैलरी देने के लिए किया जाएगा. 

11,400 करोड़ रुपये का बकाया (11,400 crore dues)

बिजनेस प्लान में एयरलाइन ने कहा कि उसे कैश एंड कैरी मोड में डेली ऑपरेशंस चलाने के लिए 12 करोड़ रुपये की आवश्यकता है. प्रमोटर वाडिया ग्रुप ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में एयरलाइन में 250 करोड़ रुपये का निवेश किया था. दूसरी ओर कंपनी ने मई के शुरुआत में ही जानकारी दी है कि गो फर्स्ट पर करीब 11,400 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें से 6,520 करोड़ रुपये वित्तीय लेनदारों के हैं. 

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